Header Ads Widget

DEKH BHAI DEKH

Ticker

5/recent/ticker-posts

दशहरा 2024: विजय का प्रतीक और 'सोना पत्ती' का महत्व



हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरा या विजयादशमी इस बार भी विशेष धूमधाम के साथ आयोजित हो रहा है। यह त्योहार भगवान श्रीराम की रावण पर विजय और माता सीता के उद्धार का प्रतीक है।


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

दशहरा का यह पर्व त्रेता युग की एक महत्वपूर्ण घटना से जुड़ा हुआ है, जब लंका नरेश रावण ने माता सीता का हरण किया था। भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई की और रावण से भयंकर युद्ध किया। इस युद्ध में भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की और माता सीता को रावण के बंधनों से मुक्त कराया। इसलिए, हर वर्ष आश्विन माह की दशमी तिथि को दशहरा मनाने की परंपरा है।


'सोना पत्ती' का वितरण


इस शुभ अवसर पर लोग एक-दूसरे को सोना पत्ती देने की परंपरा निभाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दशहरा पर 'सोना पत्ती' क्यों बांटी जाती है? इसके पीछे एक गहरा धार्मिक प्रसंग है।


धार्मिक प्रसंग

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने से पूर्व भगवान शिव और शनि देव की कृपा पाने के लिए प्रिय शमी के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा की थी। इस पूजा के दौरान उन्होंने शमी के पेड़ से विजय प्राप्त करने का वरदान मांगा था। मान्यता है कि शमी के पेड़ की पूजा और उसके पत्ते को स्पर्श करने से भगवान श्रीराम को विजय मिली।


धार्मिक महत्व

शमी के पेड़ का पूजन: शमी के पेड़ में धन के देवता कुबेर का वास माना जाता है। इसकी पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है।


सोना पत्ती का वितरण: दशहरा पर 'सोना पत्ती' यानी शमी की पत्तियां बांटने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। लोग इसे एक-दूसरे को देकर अपने संबंधों को मजबूत करते हैं।


वर्तमान परिप्रेक्ष्य: आजकल शमी के पत्तों की उपलब्धता में कमी है, इसलिए अक्सर अस्तरे की पत्तियां बांटी जाती हैं, जिन्हें सोने के समान माना जाता है।

    इस प्रकार, दशहरा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश भी है। 'सोना पत्ती' का वितरण हमें एकता, समृद्धि और खुशियों के साथ अपने प्रियजनों को जोड़ने का अवसर देता है। सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ