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गरुड़ पुराण: एक रहस्यमयी यात्रा और जीवन के बाद की सच्चाई


 

   
जब हम 'गरुड़ पुराण' का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में कई सवाल उठते हैं। क्या है गरुड़ पुराण? इसे किसने लिखा? और इसमें उल्लेखित सजाएँ क्या हैं? आइए, इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं और इस पुराण की रहस्यमयी दुनिया में एक रोमांचक यात्रा करते हैं।


गरुड़ पुराण क्या है?

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। यह पुराण भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह न केवल धार्मिक और नैतिक शिक्षाओं का खजाना है, बल्कि मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, पुनर्जन्म और नरक-स्वर्ग के रहस्यों को भी उजागर करता है।


गरुड़ पुराण को किसने लिखा?

इस महान पुराण की रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी। वेदव्यास ने ही महाभारत, भगवद गीता और अन्य पुराणों की रचना भी की थी। वेदव्यास को संस्कृत साहित्य का महान ज्ञाता माना जाता है, और उनके द्वारा रचित ग्रंथों का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है।


गरुड़ पुराण में उल्लेखित सजाएँ

    गरुड़ पुराण में वर्णित सजाओं के बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। इसमें कुल 28 प्रमुख नरकों का उल्लेख है, जहाँ विभिन्न पापों के लिए भयंकर सजाएँ दी जाती हैं। आइए, इनमें से कुछ प्रमुख सजाओं पर नज़र डालें:


तमिस्र : यहाँ धोखेबाज और छल करने वालों को अंधकार में रखा जाता है और भयंकर यातनाएँ दी जाती हैं।

अंधतमिस्र : यहाँ परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुँचाने वालों को अंधेरे में भयभीत कर प्रताड़ित किया जाता है।

रौरव : यहाँ झूठ बोलने वालों को जलती हुई भूमि पर रखा जाता है, जहाँ उन्हें अत्यधिक दर्द सहना पड़ता है।

महाराौरव (महाराौरव): यहाँ जमीन कब्जा करने वाले और दूसरों की संपत्ति हड़पने वालों को जीवित सर्पों द्वारा दंशित किया जाता है।

कुंभिपाक : यहाँ मांस खाने वालों को उबलते तेल में डाला जाता है।

कालसूत्र : यहाँ समय का दुरुपयोग करने वालों को तपते लोहे के शूल पर चलाया जाता है।

असिपत्रवन : यहाँ धोखेबाज और विश्वासघात करने वालों को काँटेदार पेड़ों के बीच दौड़ाया जाता है।

    इन सजाओं का विवरण सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। गरुड़ पुराण में इन सजाओं का उद्देश्य लोगों को पापों से दूर रहकर धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है।

निष्कर्ष

    गरुड़ पुराण सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन के बाद की यात्रा और आत्मा के सफर का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें दी गई शिक्षाएँ और सजाएँ हमें जीवन में सही और गलत का फर्क समझने में मदद करती हैं। यह पुराण हमें बताता है कि हमारे कर्मों का फल हमें अवश्य मिलता है, चाहे वह इस जन्म में हो या अगले जन्म में।

    तो दोस्तों, गरुड़ पुराण को पढ़कर आप भी अपने जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हैं और आत्मा की शुद्धि के मार्ग पर चल सकते हैं। यह पुराण न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व बताता है, बल्कि हमें एक बेहतर मनुष्य बनने की प्रेरणा भी देता है।

    गरुड़ पुराण की इस रहस्यमयी और ज्ञानवर्धक यात्रा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और इसे दूसरों के साथ साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस महान ग्रंथ का लाभ उठा सकें।

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