Header Ads Widget

DEKH BHAI DEKH

Ticker

5/recent/ticker-posts

NAVRATRI : शक्ति की उपासना के लिए सबसे पवित्र होती है नवरात्र..........वर्ष में होती है कुल चार नवरात्री..... आईये जाने

 


   धार्मिक ग्रंथो के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के 
नौ स्वरूपों की पूजा आराधना करने का विधान है,  मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों के बीच धरती पर निवास करती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं, एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है।  चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सार्वजनिक रूप से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, वहीं गुप्त नवरात्रि में मां काली और दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाती है, वही ज्यादातर लोग अक्टूबर-नवम्बर में मनाई जाने वाली नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं। ऐसे में मन में सवाल जरूर आता है कि अप्रैल के महीने में ये चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।

चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है ? चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर है? 

चैत्र माह में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि को साल की पहली नवरात्रि कहा जाता है, क्योंकि हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से होती है, इसलिए यह हिंदू नववर्ष की पहली नवरात्रि व प्रकट नवरात्रि होती है। इसमें पूरे नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग रूपों दुर्गा, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा आराधना  की जाती है, व्रत रखे जाते हैं।  चैत्र नवरात्रि की पूजा पूर्ण सात्विक रूप से की जाती है 

 चैत्र नवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा कथा के अनुसार-  जब धरती पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया था और वरदान के कारण कोई भी देवता या दानव उसपर विजय प्राप्त नहीं कर सका, तो ऐसे में देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न कर उनसे रक्षा करने को कहा। इसके बाद मातारानी ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए, जिन्हें देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्तिशाली बनाया। ये क्रम चैत्र के महीने में प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नौ दिनों तक चला और यही कारण है कि इन नौ दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाने लगा।

 वही शारदीय नवरात्र महा नवरात्रि अर्थात मुख्य नवरात्रि भी कहा जाता है। अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पूरे भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है। शारदीय नवरात्रि से एक और कहानी जुड़ी हुई है जिसके अनुसार- भगवान राम ने रावण को युद्ध में पराजित करने के लिए देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की थी। इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, जिसे विजयदशमी मनाई जाती है यानि शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में एक अंतर ये भी है कि शारदीय नवरात्रि के दौरान नवदुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जबकि चैत्र नवरात्रि में अधिकतर स्थानों पर माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा के पहला रूप है। शारदीय नवरात्रि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है और यह नौ दिनों तक चलता है, जबकि चैत्र नवरात्रि केवल कुछ हिस्सों में मनाया जाता है और यह कहीं पंच तो कहीं नव दिनों का होता है। शारदीय नवरात्रि के दौरान रामलीला, दुर्गा पूजा, गरबा और दांडिया होता है।  कहा जाता है कि, चैत्र नवरात्रि आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली होती है जबकि शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है।  और इसे लोग सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए मनाते हैं, जबकि चैत्र नवरात्रि लोग आध्यात्मिक सिद्धि या मोक्ष पाने के लिए करते हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ