Header Ads Widget

DEKH BHAI DEKH

Ticker

5/recent/ticker-posts

कब्ज- बीमारियों की जड़

 योग शास्त्र में कब्ज को माना गया है बीमारियों की जड़



 योगासन से इसे ठीक किया जा सकता रक्तसंचार को तेज कर स्फूर्ति प्रदान करता जठर परिवर्तित आसन कब्ज को आधुनिक चिकित्सा शास्त्र कोई बीमारी नहीं मानता। वे इसे पाचन तंत्र की कमजोरी का लक्षण मात्र मानते हैं। परन्तु योग शास्त्र या यौगिक विज्ञान में कब्ज को बीमारियों की जड़ माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार कब्ज हृदय रोग के प्रमुख कारणों में से एक है। आधुनिक चिकित्सा में कब्ज के निम्न कारण बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं- 

1. आधुनिक औषधियों के ज्यादा उपयोग से हमारे स्नायु केन्द्र प्रभावित होते हैं जिससे हमारी आंते जो मल निस्तारण का कार्य करती हैं, ज्ञान शून्य होकर काम करना बंद या कम कर देती हैं जिससे कब्ज हो जाती है।

 २. आधुनिक जीवनशैली, तकनीकी और उससे उत्पन्न तनाव कब्ज के कारक माने जाते हैं। 

 ३. पेट साफ करने वाली औषधियां हमारी आंतों को कमजोर कर देती हैं जिससे कब्ज की समस्या होती है। 

४. यकृत (लिवर) के कमजोर होने से भी कब्ज हो सकती है। 

 ५. आलस्य या निष्क्रिय जीवनशैली से भी कब्ज की समस्या बढ़ती है। 

६. नशीली वस्तुओं की लत।  

७. दुष्पाच्य भोजन, ज्यादा भोजन या जल्दी-जल्दी खाना इसका कारण है।

 ८. अत्यधिक विषम भोग चाय-कॉफी के सेवन आदि से भी कब्ज होती है।

 ९. पानी कम मात्रा में पीना। 

    जब मल का निस्तारण पूर्ण रूप से नहीं होता तो यह रक्त को दूषित करता है जिससे शरीर के सारे अंग दूषित व शिथिल हो जाते हैं। दूषित मल में कीटाणु भी पैदा होने लगते हैं जो रोगों को जन्म देते हैं। इसे ठीक करने के कई व्यायाम हैं उनमें से एक है जठर परिवर्तित आसन।  

जठर परिवर्तित आसन



    आसन पर लेट जाएं व दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एडिय़ों को हिप्स से लगाएं। टखने, एड़ी व अंगूठे आपस में मिले रहें।   हाथों को दोनों तरफ फैला लें। हाथ और कंधों को एक सीध में रखें।  अब श्वास भरते हुए दोनों पैरों को बायीं तरफ घुमाते हुए जमीन पर रखने की कोशिश करें। इसमें बायां पैर नीचे रहेगा और दायां उसके ऊपर। गर्दन को दायीं और घुमाएं।  तीन सेकंड रुकने के बाद सिर और घुटनों को दूसरी ओर (दायीं) घुमाकर फिर करें।  यदि कब्ज हो तो गर्म जल पीकर शौच जाने से पहले इसे 20-20 बार करें। पेट और आंतों को प्रभावित कर कब्ज को दूर करता  गर्दन और रीढ़ संबंधी परेशानियों को कम करता रक्तसंचार को तेज कर स्फूर्ति प्रदान करता  कमर के दर्द में फायदा करता   यह रात की नींद में सुधार करता है सावधानियां पेट की सर्जरी वाले या हर्निया से ग्रस्त व्यक्ति इसे योगाचार्य की देखरेख में ही करें। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ