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तेल मालिश - इसके के बड़े बड़े गुण

        वैसे अपने तेल मालिश के बारे सुना होगा, छोटे बच्चो की मालिश हो या सलून में सर की मालिश मगर आप इससे होने वाले लाभ के बारे में अनभिज्ञ होंगे, तो फिर देर किस बात की है चलिए आपको इससे जुडी लाभों के बारे में बताते है और कौन सा तेल किसके लिए लाभप्रद होता है ये भी - 

        दरअसल जब हम मालिश करते है तो मालिश से शरीर में रक्त का संचार 

बढ़ने से शरीर को आराम मिलता और मन भी शांत रहता है। शिशु की मालिश 

जन्म के 9-10  दिन बाद से शुरू कर सकते हैं। वैसे तो हर उम्र के लोगों को मालिश 

करनी चाहिए। मालिश में इन तेलों का प्रयोग कर सकते है : -


बादाम का तेल 


ब्रेन के लिए अच्छा माना जाता है। इससे सिर और शरीर, दोनों में मसाज की जा 

सकती है। त्वचा को गहराई तक नमी पहुंचाता है। इससे एलर्जी नहीं होती है। 


तिल का तेल


सर्दियों में मालिश के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हल्का व हीलिंग के 

गुणयुक्त होने त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाता है। त्वचा को चमकदार 

बनाता है। 


नारियल तेल



यह हल्का और कम चिपचिपा होता है। बैटीरिया-फंगल से बचाता है। इस तेल से 

मसाज करने पर  रक्त संचार अच्छा होता है।


देसी घी


शिशु की मसाज के लिए देसी घी अच्छा विकल्प है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता 

है। सर्दी में इससे एक बार शिशु की मालिश भी कर सकते हैं। 


जैतुन का तेल


इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करते हैं। 

इसकी मालिश से त्वचा में  नमी और मुलायम होती है। बच्चों के लिए अच्छा होता 

है। 


ये औषधीय तेल भी अच्छे


बला तेल : यह एक तरह की औषधि है जिसे पाक कला के जरिए मेडिकेटेड 

ऑयल के रूप में  बनाया जाता है। शरीर और जोड़ों में दर्द होने पर या मांसपेशियों 

की मजबूती के लिए लगाते हैं।  इस तेल को बला नाम औषधि को अश्वगंधा 

के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इससे शरीर मजबूत बनता है। इम्युनिटी बढ़ती 

है। औषधि को मिलाकर तैयार किया जाता है। पक्षाघात और सरवाइकल के 

रोगियों के लिए भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद है। पंचकर्म में अधिक उपयोग 

किया  जाता है।


नल्पामाराड़ी तेल : यह ऑयल एक लासिकल फार्मूला है जो स्किन सेल्स को 

रिपेयर कर त्वचा में निखार लाता है। यह दाग-Žब्बो को भी साफ करता है।


इन बातों का ध्यान रखें


कोई भी तेल सर्दियों में गुनगुना करके ही मसाज के लिए उपयोग में लें। सर्दियों में 

दो बार मसाज की जा सकती है। मालिश के लिए वह स्थान चुनें जहां हवा न लगे। 

मालिश के बाद ठंडी हवा या एसी में न जाएं। मसाज के ३० से ६० मिनट 

बाद गुनगुने पानी से नहाएं। अगर स्टीम लेते हैं तो मसाज के बाद यह  ज्यादा 

फायदेमंद होता है। इससे शरीर डिटॉस होता है मालिश के बाद हल्के 

स्टे्रचिंग व्यायाम भी कर सकते हैं। इसके साथ ही शिशुओं को भी ऐसे व्यायाम 

करवाए जा सकते हैं।


        मालिश इसलिए है जरूरी इससे पूरे शरीर को आराम मिलता है। अच्छी नींद 

आतीहै। शरीर का संतुलन सही होता है। शिशुओं की ग्रोथ अच्छी होती है। पाचन 

तंत्र बेहतर होता, इ्युनिटी बढ़तीमानसिक विकारों से बचाव होता, थकान दूर 

होती  और त्वचा में चमक आती है।


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