भारत के प्रथम उप.राष्ट्रपति (1952 - 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे डॉ
सन् 1931 से 36 तक आन्ध्र विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे।
ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में 1936 से 1952 तक प्राध्यापक रहे।
कलकत्ता विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले जॉर्ज पंचम कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में 1937 से 1941 तक कार्य किया।
सन् 1939 से 48 तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चांसलर रहे।
1953 से 1962 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के चांसलर रहे।
1946 में युनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जवाहर लाल नेहरू के कहने पर स्वतन्त्रता के
बाद संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया था सर्वपल्ली
राधाकृष्णन जी का निधन 17 अप्रैल 1975 को एक लम्बी बीमारी के बाद हो
गया
सर्वपल्ली राधाकृष्णन को शिक्षा और राजनीति में योगदान के लिए 1954
में भारत रत्न से सम्मानित किया गया सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान
मे उनके जन्म दिवस 5 सितम्बर 1962 को शिक्षक दिवस मनाने की
घोषणा की गयी सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सन 1962 में ब्रिटिश अकेदमी
का सदस्य बनाया गया सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पोप जॉन पॉल ने इनको
गोल्डन स्पेर भेट किया इग्लैण्ड सरकार द्वारा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को
ऑडर ऑफ मेरिट का सम्मान दिया गया सर्वपल्ली राधाकृष्णन को
मरणोपरांत 1975 में अमेरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार दिया गया
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