हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है व इस बार हरतालिका तीज व्रत पर हिन्दी पंचाग के अनुसार रवि योग का निर्माण हो रहा है, इस अद्भुत योग में व्रत के पूजन से सुहागिन महिलाओं की सभी मुरादें पूरी होगी. यह अद्भुत संयोग शाम को 5 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहा है. वहीं हरतालिका तीज व्रत के पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 10 मिनट से रात 7 बजकर 54 मिनट तक है. रवियोग का महत्व हरतालिका तीज व्रत हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला अत्यंत कठिन और अति शुभ फलदायी व्रत माना गया है. हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं तथा उनसे अखंड सौभाग्यवती होने, पति की लंबी आयु की प्राप्ति और उनके जीवन में सुख शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं. इसके बाद अगले दिन पूजा के बाद महिलाएं अपने व्रत का पारण करती हैं.. ज्योतिष गणनाओं के अनुसार 14वर्षो के बाद यह अद्भुत योग बन रहा है ।. ज्योतिशास्त्र में रवियोग को सभी प्रकार के दोशों का विनाश करने वाला एक योग बताया गया है. यह अद्भुत योग बेहद प्रभावशाली होता है. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि इस योग में कई अशुभ योगों के प्रभाव को कम करने की क्षमता है. जिन लोगो के वैवाहिक जीवन में कुछ बाधाएं है, तो उन्हें इस रवियोग में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे रिश्तों में मजबूती आयेगी. अविवाहित कन्याएं यदि इस योग में शिव-पार्वती का पूजन करती हैं, तो विवाह में आने वाली बाधाएं दूर रहती है. धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत का पूजन रवियोग में करने से सभी मुरादें पूरी होती हैं
यह भारत में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में हरतालिका व्रत को गौरी हब्बा के रूप में जाना जाता है और यह देवी गौरी का आशीर्वाद पाने के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। गौरी हब्बा के दिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए देवी गौरी का आशीर्वाद लेने के लिए स्वर्ण गौरी व्रत रखती हैं। उत्तर भारतीय राज्यों, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में महिलाओं द्वारा तीज उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। तीन प्रसिद्ध तीज जो सावन और भाद्रपद महीनों के दौरान महिलाओं द्वारा मनाई जाती हैं -
हरियाली तीजो
कजरी तीजो
हरतालिका तीजो
अन्य तीज त्योहार जैसे अखा तीज जिसे अक्षय तृतीया और गणगौर तृतीया के रूप में भी जाना जाता है, उपरोक्त तीन तीज का हिस्सा नहीं हैं।
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