व्यक्तिगत जीवन
पंजाब विधानसभा के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जी का जन्म 11 मार्च 1942 को फुलकियान वंश में पटियाला के महाराजा सर यादविंदर सिंह और पटियाला की महारानी मोहिंदर कौर के घर हुआ था, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल शिमला और लॉरेंस स्कूल सनावर दून स्कूल देहरादून में पढ़ाई की व प्रणीत कौर से उनका विवाह हुआ जो कि एक राजनीतिज्ञ हैं और संसद सदस्य के रूप में कार्य किया और 2009 से अक्टूबर 2012 तक विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री रहीं उनका एक बेटा रणिंदर सिंह और एक बेटी जय इंदर कौर है। उनकी बड़ी बहन हेमिंदर कौर की शादी पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह से हुई है।
एक सैनिक के रूप में कैप्टन अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता और दादा ने भी भारतीय सेना में अपनी सेवाए दी जिससे प्रभावित होकर सेना में जाने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक किया व उन्हें सिख रेजिमेंट में कमीशन मिला और उन्होंने जून 1963 से दिसंबर 1966 तक भारतीय सेना में सेवा दी, उन्होंने दिसंबर 1964 से जनरल ऑफिसर कमांडिंग.इन.चीफ वेस्टर्न कमांडए लेफ्टिनेंट जनरल हरबक्श सिंह के सहयोगी.डे.कैंप के रूप में कार्य किया। 1965 की शुरुआत में परिवार की देखभाल के लिए सेना छोड़ दीए लेकिन जब भारत पाक युद्ध छिड़ गया और 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वे दोबारा सेना में शामिल हो गए और युद्ध समाप्ति के बाद दोबारा इस्तीफ़ा दे दिया। वे हमेशा से ही सेना को अपना पहला प्यार मानते है।
राजनौतिक जीवन
कैप्टन साहब के स्कूल के समय के दोस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा कांग्रेस में शामिल करवाया गया और 1980 लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए । 1984 मेंए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना की कार्रवाई के विरोध में संसद और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया .और इसके बादए वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और तलवंडी साबो से राज्य विधानमंडल के लिए चुने गए और राज्य सरकार में कृषिए वन विकास और पंचायत मंत्री बने बाद में 1992 में उन्होंने अकाली दल से नाता तोड़ लिया और शिरोमणि अकाली दल ;पंथिकद्ध नामक एक अलग समूह का गठन किया, 1998 विधानसभा में उनकी पार्टी की करारी शिकस्त हुई और वे स्वयं पटियाला क्षेत्र से प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा से 33251 मतों के अंतर से चुनाव हार गये जिसके बाद अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करा । उन्होंने 1999 से 2002ए 2010 से 2013 और 2015 से 2017 तक तीन मौकों पर पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य कियाए वह 2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री भी बने और 2007 तक रहे। उन्हें 2008 में पंजाब कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह 2013 से कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी हैं। उन्होंने 2014 के आम चुनावों में वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली को 102000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। वह पटियाला में तीन बारए समाना और तलवंडी साबो का एकएक बार प्रतिनिधित्व करते हुए पांच बार पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह को 2017 के पंजाब चुनावों के लिए पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 11 मार्च 2017 को कांग्रेस पार्टी ने अपने नेतृत्व में राज्य विधानसभा चुनाव जीता और अमरिंदर सिंह ने 16 मार्च 2017 को पंजाब राजभवन चंडीगढ़ में पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
18 सितंबर 2021 को उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
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