अलवर एक ऐतिहासिक नगर है। इस क्षेत्र का इतिहास महाभारत से भी अधिक पुराना है। इस ऐतिहासिक नगर में पर्यटकों के देखने के लिए बहुत कुछ है। शहर के आस-पास भी पर्यटन स्थलों की भरमार है। यहां के सौन्दर्य में ऐसा जादू है कि पर्यटकों का मन यहां बार-बार आने को करता है।अलवर का सिटी पैलेस परिसर बहुतही खूबसूरत है। सुबह जब सूर्य की पहली किरण सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पड़ती है, तो इसकी छटा देखने लायक होती है। इस इमारत के सबसे ऊपरी तल पर संग्रहालय है। यह तीन हॉल्स में विभक्त है। हॉल का मुख्य आकर्षण महाराज जयसिंह की साइकिल है। यहां हर वस्तु बड़े सुन्दर तरीके से सजाई गई है। दूसरे हॉल में मध्य एशिया के जाने-माने राजाओं के चित्र लगे हैं। इस हॉल में तैमूर से लेकर औरंगजेब तक के चित्र लगे हुए हैं। तीसरे हॉल में आयुध सामग्री प्रदर्शित है। इस हॉल का मुख्य आकर्षण अकबर और जहांगीर की तलवारें हैं। सिटी पैलेस के बिल्कुल पीछे एक बहुत ही खूबसूरत जलाशय है। इसे सागर कहते हैं। झील महल का ढांचा परंपरागत इमारतों से बिल्कुल अलग है। इसके अंदर एक राम मंदिर भी है। बाला किला अरावली की पहाडिय़ां पर बना है। इस किले की दीवार पूरी पहाड़ी पर फैली हुई हैं। शहर के करीब ही एक झील है। सिलीसेड झील अलवर की सबसे प्रसिद्ध और सुन्दर झील है। इस झील के चारों ओर हरी-भरी पहाडिय़ां आकर्षक दृश्य उत्पन्न करती हैं। बारिश के मौसम में अलवर की पहाडिय़ां हरियाली से भर जाती हैं। पहाडिय़ों से गिरते झरने यहां की छटा में चार चांद लगा देते हैं। अलवर के पास ही स्थित तालवृक्ष, सरिस्का, भानगढ़ सहित कई मनमोहक पर्यटन स्थल हैं। यहां का क्पनी बाग वर्षभर खुला रहता है। होप सर्कल के आस-पास ही बहुत सारी दुकानें हैं। यहां आप हवेलियां देख सकते हैं। फतहगंज का मकबरा भी दर्शनीय है।
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