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गणेश चतुर्थी 2021 , गणेश भगवान की पूजा विधि GANESH CHATURTHI 2021


   


   भगवान गणेश को सभी संकटों को हरने वाला और सभी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना गया है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। उनके आने से मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेशजी को समर्पित होता है। इस दिन घर-घर में गणेशजी की प्रतिमा को विधि विधान से आवाह्न कर स्थापित किया जाता है, साथ ही साथ शहरों व गांव की गली - गली में श्री गणेश भगवन के मूर्ति की स्थापना विधि विधान से की जाती  है। इस दौरान एक अलग सा भक्ति उत्साह का माहौल देखते ही बनता है।  11 दिनों तक भगवान श्रीगणेश की विशेश पूजा अर्चना की जाती है, व अनंत चर्तुदश के दिन बप्‍पा को पूरे गाजे-बाजे के साथ विदा कर विधिविधान से मूर्ति विसर्जन कर दिया जाता है व  गणेश भगवान को विदाई देने के साथ ही भक्त अगले साल उनके जल्दी आने की कामना करते हैं। गणेश भगवन के पूजन से घर में सुख समृद्धि और वृद्धि आती है। 

        गणेश चौथ का चांद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रात्रि में चन्द्रमा का दर्शन करने के लिए मना किया गया है। ऐसी मान्यता है, कि  जो व्यक्ति इस रात्रि को चाद को देखते हैं उन्हें चोरी का आरोप या कोई झूठा-कलंक लगता है। गणेशजी को मोदक सबसे ज्‍यादा प्रिय होते हैंए  इसलिए गणेश चतुर्थी पर उन्‍हें मोदक का भोग लगाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री व पूजा विधि 

दीपक ज्योत घी अगरबत्ती नारियल कलश फूलों की माला जनेऊ कुमकुम चावल कलावा दुर्वा घास पांच तरह की मिठाई पांच तरह के मेवे पांच तरह के फल पान का पत्ता सुपारी लौंग इलायची आम के पत्ते गंगाजल

  

* पूजन हेतु स्नान कर पवित्र होकर साफ कपडे पहने। 

*प्रतिमा की स्थापना करने हेतु जिस जगह का चयन किया है, उस स्थान को साफ करें, व गंगाजल डालकर पवित्र कर लें।

*भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर आसन हेतु  पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।

*धूप दीप और अगरबत्ती जलाएं व भगवान के विराजमान रहने तक अखंड दीपक जलाकर रखे। 

*गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक व अक्षतए दुर्वा घास और पुष्प अर्पित करें।

*गणेश जी का स्मरण कर गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ कर ॐ गं गणपते नमः का जप करें।

 *भगवान गणेश की आरती करें।

*आरती के बाद गणेश जी को फल या मिठाई या संभव हो तो मोदक का भोग जरूर लगाएं। 

 *गणेश जी को जब तक अपने घर में रखें कोई न कोई व्यक्ति हर समय गणेश जी की प्रतिमा के पास रहे।


भगवान गणेश पूजा मुर्हुत - शुक्रवार 10 सितंबर 2021 को सुबह 11:03 से दोपहर 01:33 


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