ऐसा सागर जहा आप आराम से लेट सकते है,
इसमें कोई डूबता नहीं।
क्या वाकय कोई समुद्र में डूब नहीं सकता ?
जी है इसका सागर को मृत सागर के नाम से जाना जाता है, क्या आप जानना
चाहते है, की आखिर कैसे कोई इसमें डूबता क्यों नहीं है?
समुद्र का पानी सामान्य जल से काफी खारा होता है। यह खारापन इसके पानी में घुले
लवणों के कारण होता है, लेकिन मृत सागर का पानी विशेष रूप से खारा होता है। इसमें
जल-जीव भी जीवित नहीं रह पाते हैं।मृत सागर में खारापन सामान्य समुद्रों से करीब दस
गुना अधिक है यानी करीब 33.7 प्रतिशत। इसका कारण यह है कि मृत सागर अन्य समुद्रों
से अलग- थलग है। इससे उनके साथ वह जल-विनिमय नहीं कर सकता है। दूसरा कारण
यह है कि इस सागर में वाष्पीकरण बहुत अधिक होता है। इसलिए लवणों का सांद्रीकरण
भी बड़ी तेजी से होता है। इतने अधिक खारेपन के कारण मृत सागर की उत्लावकता
भी असामान्य रूप से अधिक होती है। इतनी की आदमी इस समुद्र में डूब ही नहीं सकता।
वह लकड़ी की तरह पानी में तैरता रहता है। इस उच्च लवणता के कारण मृत सागर में
सूक्ष्मजीव भी अधिक नहीं पनपते। सूक्ष्मजीवों को खाकर जिंदा रहने वाली मछलियां और
अन्य जीव-जंतु भी इसमें कम ही होते हैं। शायद इसी कारण से इस सागर को मृत सागर
कहा जाता है। सैलानियों में यह सागर बहुत लोकप्रिय है। इसलिए कि वे इसमें डूबने के
डर से निश्चिंत होकर जल-क्रीडाएं कर सकते हैं। मान्यता है कि इसके जल में अनेक रोगों
को ठीक करने की क्षमता है।
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