बच्चे हों या बड़े आम सभी को खूब पसंद आता है। अलग-अलग तरह के आम देखकर मुंह में पानी आ जाता है। फलों का राजा आम बहुत ही खास होता है। आइए हम आपको आम की खासियत बताते हैं। आमों की कई प्रजातियां होती हैं, उनमें से एक है मेंगीफेरा इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी इसके बाद धीरे-धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। आम का अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में आम के पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा दिया गया है। भारतीय उपमहाद्वीप में कई हजार वर्ष पहले आम के बारे में लोगों को पता चल गया था और उसकी खेती की जाती थी। चौथी से पांचवीं शतादी के पहले ही यह एशिया के दक्षिण पूर्व तक पहुंच गया।
दसवीं शतादी तक पूर्वी अफ्रीका में भी इसकी खेती शुरू हो गई और इसके बाद यह ब्राजील, बरमूडा, वेस्टइंडीज और मैक्सिको तक पहुंच गया।बच्चो आपको बता दें कि संस्कृत भाषा में आम को आम्र कहा जाता है। यहीं से हिन्दी, मराठी, बंगाली, मैथिली आदि भाषाओं में इसका नाम आम पड़ गया। मलयालम में इसका नाम मान्न है। वर्ष 1498 में केरल से पुर्तगाली आम अपने देश ले जाते थे। वहीं से आम और इसका नाम भी ले गए। वे लोग इसे मांगा बोलते थे। दुनिया का 41 फीसदी आम का उत्पादन भारत करता है। भारत के अलावा चीन और थाईलैंड इसके सबसे बड़े उत्पादक हैं। आम का पेड़ 5 से 40 मीटर ऊंचा और इसका घेर साधारण रूप से 10 मीटर तक होता है। आम का स्वाद ही नहीं, बल्कि इसका नाम भी बहुत मायने रखता है। आम जब थोड़ा कच्चा रहता है, तो उसमें विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं, जब यह पक जाता है, तो इसमें विटामिन-ए की मात्रा अधिक हो जाती है। अल्फांसो आम सबसे महंगे और चर्चित आमों में से एकल्फांसो की खेती मुख्य रूप से भारत के पश्चिमी भाग में की जाती है। दुनिया भर में अन्य फलों की तुलना में सबसे ज्यादा आम खाया जाता है। लोगों का मानना है कि आम की टोकरी देना दोस्ती का प्रतीक होता है। आमतौर पर आम का रंग हरा, लाल और पीला होता है।
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