कोरोना से ठीक होने के बाद इन बातों का विशेष ध्यान रखे
अत्यधिक तनाव वाले कामो से परहेज करे, आयुर्वेद में रोग से ठीक हो चुके मरीज की दिनचर्या व आहार, व्यवहार पर विशेश ध्यान रखने हेतु निर्देश होते है। कोरोना से ठीक हुए लोगो के लिए आयुर्वेद बडा महत्व रखता है। आइये जाने आखिर आयुर्वेद पोस्ट कोविड के लिए क्या मदद कर सकता है-
कोरोना में स्वाद का पता नहीे लगता है, और कोराना से ठीक होने के बाद इससे प्रभावित हुई नर्व के रिजनरेट होने में कई बार छः माह तक का समय लग जाता है, तीखी महक वाली चीजे जैसे लहसुन आदि सूंघे, तनाव किसी भी स्थिति में ठीक नहीं होता है, बिल्कुल भी तनाव न ले, चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेते रहें। अश्वगंधारिश्ट का भी सेवन लाभकारी है। कमजोर पाचन के स्थित रहती है, तो हल्का भोजन ले, ज्यादा भोजन न करें, पोशक तत्वों से भरपूर आहार ले, दालें, हरी सब्जियां, अनाज आदि लें व फलों को खाने के साथ न खाएं। जिन्हें पहले से कोई बीमारी है वो बीमारी के अनुसार डाइट चार्ट बनाएं। क्रॉनिक डिजीज में
आयुर्वेदिक उपचार लेने से पहले डॉटर से परामर्श लें और कुछ समय तक ऐलोपैथी भी साथ लें।
आयुर्वेद को प्रभाव मिलने पर धीरेधीरे अन्य दवा बंद की जा सकती है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी अपनी इम्युनिटी को घटने न दे ठंडी, बासी, तलीभुनी व मसालेदार चीजों से लगभग परहेज ही करें, इसका प्रभाव सीधे आपकी इम्युनिटी पर पडता है।
अपनी दिनचर्या में इनको शामिल करें:-
मार्निंग वॉक व योग करें - वॉक करने से शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, मगर ध्यान रखें, जरूरत से ज्यादा वॉक न करें, इसके साथ योग और प्राणायाम को अपनी क्षमता के अनुसार दिनचर्या में जोडे। फेफड़ों को स्वस्थ रखने व उसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए ज्यादा सांस रोकने वाले योगों का भी प्रयास करते रहें ।
गिलोय व गुडुची का उपयोग करें - शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने और कोविड के बाद अंगो में पडे़ दुश्प्रभाव से उबरने के लिए गिलोय व गुडुची लाभदायक है, परंतु इसके डॉक्टरी सलाह से ही लें।
पर्याप्त नींद लें व शरीर को पर्याप्त आराम दे।
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