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सीमेंट की शुरुआत


 

        निर्माणकार्य में सीमेंट का विशेष महत्व होता है। यह एक बहुत ही 

उपयोगी पदार्थ है। इसे संसार के लगभग सभी देशों में इमारतें. भवन बनाने 

के काम में लिया जाता है। यह स्लेटी रंग का पाउडर है। जब इसे पानी में 

मिलाकर कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है। तो यह पत्थर की तरह 

सख्त हो जाता है। सीमेंट का आविष्कार ईसा से लगभग २५० वर्ष पूर्व रोम 

में हुआ था। रोम के लोग इसे चूनाबालू और ज्वालामुखी की राख के 

मिश्रण से बनाते थे। वे लोग इसे पोत्स्वालाना कहते थे।क्योंकि यह सीमेंट 

उन्हें पोत्स्वाली नामक स्थान से प्राप्त हुआ था। 18वीं शताŽदी के अंत तक 

इसी सीमेंट का उपयोग होता था। इसके बाद जॉन स्मीटन ने चूना पत्थर 

और मिट्टी को गर्म करके एक नए तरह का बेहतरीन सीमेंट बनाया। 

इसका कई वर्षों तक इस्तेमाल होता रहा।



 सीमेंट निर्माण में सबसे महत्वपूर्णविकास वर्ष 1824 में हुआ। इस वर्ष \

इंग्लैंड के जोसेफ ऑस्पिडिन नामक एक राज मिस्त्री ने सीमेंट का नया 

फॉर्मूला बनाया। इस सीमेंट को पोर्टलैंड सीमेंट के नाम से पुकारा गया। 

क्योंकि इसका रंग पोर्टलैंड पत्थर से मिलता.जुलता था। 


पोर्टलैंड सीमेंट के निर्माण में मुख्य रूप से चूना.पत्थर और मिट्टी को 

उपयोग में लाया जाता है। इन दोनों पदार्थों को निश्चित अनुपात में लेकर 

मशीन से पाउडर के रूप में पीस लिया जाता है। फिर इस पाउडर को पानी के 

साथ या सूखा मिलाकर गर्म भट्टी में डाला जाता है। भट्टी को धीरेधीरे 

घुमाया जाता है। ताकि सारा पाउडर भली.भांति गर्म हो जाए। इस क्रिया के 

परिणाम स्वरूप मिलने वाले पदार्थ को सीमेंट क्लिंकर कहते हैं।


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