कई बार नाक से अचानक खून आने लगता है। चिकित्सा जगत में इसे नकसीर फूटना कहा जाता है। बच्चों में यह समस्या असर देखी जाती है, नाक में चोट लग जाने या अत्यधिक गर्मी पडऩे पर नाक से खून निकलना आम बात है, योंकि नाक के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। बड़े लोगों में यह समस्या, रतचाप बढ़ जाने के कारण होती है या फिर किसी प्रकार का संक्रमण होने पर होती है। नाक से खून भी दो प्रकार से आता है जिसे एंटीरियर नोजलीड या स्टीरियर नोजलीड कहा जाता है, नाक से रत निकलने के कई कारण हो सकते हैं, साइनस संक्रमण के कारण या सर्दी-जुकाम की दवाइयां लेने से या फिर नाक वाला स्प्रे इस्तेमाल करने से नाक में खुश्की हो जाती है, जिसके कारण खून निकलने लगता है। इसमें खतरे की कोई बात नहीं होती है। लेकिन कई बार कुछ बीमारियों जैसे ल्यूकेमिया, लिवर की बीमारी, हीमोफीलिया या अन्य अनुवांशिक रोग उभर आते हैं। लॉटिंग की समस्या होने पर, सिर में चोट लगने पर भी नाक से खून निकल सकता है, ऐसे में लापरवाही न बरतेें। नाक से रक्त निकलने के लक्षण- नाक से रक्त आने पर आपको नाक में गीलापन महसूस होता है और कुछ बह रहा है, ऐसा प्रतीत होता है। जब नाक से ज्यादा खून निकलता है तो वह अपने आप बाहर निकल आता है जिसे आप देख सकते हैं।
नाक से खून बहने पर व्यक्ति के नथुनों को पकड़ लें और उसे बैठ जाने को कहें। 5 से 10 मिनट यूं ही बैठाए रखें। सिर को हिलाने न दें, न ही लेटने दें। वरना गले में खून उतरने पर सांस की नली में अवरोध हो सकता है। बर्फ का इस्तेमाल एकदम से नहीं करना चाहिए। सबसे पहले नाक पर मॉश्चराइजर या कोई क्रीम लगाएं। खून रुक जाने पर आइसयूब से सेंक करें। इबोला वायरस एक घातक बीमारी है इसमें भी नाक से रत निकलने लगता है। अगर बच्चे को चोट लगने के कारण नाक से खून आने लगता है, तो देर न करें। उसे शीघ्र ही हॉस्पीटल ले जाएं। एसीडेंट होने पर नाक से खून आने पर भी लापरवाही न बरतें। कई बार दिमाग में चोट लगने पर भी नाक से खून आने लगता है। हमें प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी लेना चाहिए।
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