पेंसिलीन की खोज का श्रेय 1928 में स्कॉटिश चिकित्सक और माइक्रोबायोलॉजिस्ट अलेजेंडर फ्लेमिंग ने किया था। आपको बता दें 1925 ई.वी. से पहले दुनिया में ऐसी कोई दवा नहीं थी जिसे जीवाणुओं से होने वाले रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जा सकता था। पेंसिलीन ही विश्व की वो पहली प्रतिजीवाणु दवा है जिसे चिकित्सकों ने इंसानों को होने वाली कई संक्रामक बीमारियों के लिए ज्मिेदार जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए प्रयोग किया था। इस एंटीबायोटिक दवा का उपयोग आज भी निरंतर बड़े स्तर पर विश्वभर में किया जा रहा हैं। अलेजेंडर विश्व के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्होंने पेंसिलीन का अविष्कार करके संक्रामक रोगों से लडऩे और उन पर काबू पाने का रास्ता दिखाया था। इनका जन्म स्कॉटलैंड में हुआ था। 1928 में वे रोगों के जीवाणुओं के साथ कुछ प्रयोग कर रहे थे और तब ही उन्होंने इस जीवनदायी औषधि का अविष्कार कर डाला। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण अविष्कार था।
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