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वैक्सिन ही विकल्प, डेल्टा में भी कारगर

 कोरोना महामारी के इस दौर में जहां लोगो के मन में भय भी है, तो एक सवाल भी उनके मन में तेजी से गोते लगाता रहता है, कि क्या वैक्सिन पूर्णतः कोरोना को रोक सकता है?

तो इसका जवाब स्पष्टः तो नहीं है, मगर वैक्सिन कारगर जरूर है, क्योंकि टीको से बनी एंटीबाडी से लगभग 90 फीसदी मामलों में हमारी रक्षा होती है। अर्थात टीकाकरण अतिआवश्यक है, और लाभकारी है।

दोनों डोज लेने के बाद क्या निश्चिंत होकर रहा जा सकता है?

बिल्कुल नहीं, कोरोना के बारे में अभी भी बहुत से शोध हो रहे है, इसके बारे में स्पष्टः किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है, ऐसे में मास्क पहने, सेनेटाइजर का उपयोग करे, ज्यादा भीड भाड वाली जगह से दूर रहे, सावधानी ही सबसे बडी सुरक्षा है।

डेल्टा वैरिएंट इतना खतरनाक क्यों है।

डेल्टा वैरिएंट में समय के साथ कुछ उत्परिवर्तन विकसित हो गए है, जो कि  पहले वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे है। यह टीकाकरण वाले लोगों की एंटीबॉडी से लडऩे में कुछ हद तक सक्षम हो गया है। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कई बार इसकी पहचान नहीं कर पाती और यह शरीर में तेजी से प्रसारित हो जाता है।

उच्च टीकाकरण वाले देशों में भी डेल्टा क्यों फैल रहा है? 

बडी मात्रा में टीकाकरण करने वाले देशों में भी डेल्टा फैल रहा है। वैसे टीका लगाने वाले इससे कम संक्रमित हो रहे या बहुत हल्का असर हो रहा है। टीके वाले लोगों में रोग प्रतिरोधी तंत्र डेल्टा के खिलाफ अच्छा असर दिखा रहा है, और अधिकांश जल्दी ही इससे निजात पा लेते है।


डेल्टा में कौनसा टीका सबसे अधिक सुरक्षित है?

डेल्टा वैरिएंट समेत अन्य वैरिएंट के खिलाफ सभी कोरोना वैक्सीन प्रभावशाली है। इसके बावजूद सावधानी बरतें। अच्छी दिनचर्या व संतुलित आहार बहुत जरूरी है।


बच्चों की कोरोना से रक्षा पर ध्यान देना जरूरी है?

12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोना न होने की धारणा कुछ हद तक सही है पर जोखिम न लें। मल्टी सिस्टम इंपलेमेटरी सिंड्रोम बच्चों के लिए भी खतरनाक है।

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